जी हाँ,…. इस तरह 2 से 2.5 तीन महीनों में कमाने के इस बिज़नेस आईडिया की जानकारियाँ आपको बताते हैं।
जिनका सही गाइड लाइन से इस बिज़नेस आईडिया से उपलब्धि पा सकते हैं।
हम बात कर रहे हैं, पैरा पुटु की हम आपको इस बिज़नेस आईडिया के पूरे तरीके, गाइड लाइन और एक्सपीरेन्स के साथ सम्पूर्ण जानकारी बताते हैं।
पैरा पुटु

विशिष्ट सामग्री और जानकारी :
▪️ पैरा
▪️ड्रम या टैंक
▪️स्पान
▪️फार्मूलाइन लिक्विड
▪️कार्बन्दाज़िम पाउडर 50%
▪️चोकर (धान का छिलका, कोड़हा)
▪️बेसन पाउडर
▪️स्प्रे पॉट
1: पैरा की कटाई :
इस कटाई हम हाथ की पकड़ की एक गोलाई आकार पकड़ कर इसका बाँध देते है, फिर इसको दोनों मिडिल पॉइंट से समान दुरी पर काट देते है।
कुछ इस प्रकार से :

2: ड्रम या टैंग :
- ड्रम या टैंक में पैरा कटे को डूबना होता है, ताकि इसकी शुद्धिकरण हो सके।
- शुद्धिकरण कुछ इस प्रकार से होना इसको 10 जूरी का एक बेड या 13 जूरी का एक बेड होता है।
- जिसका प्रति दिन को मैनेजमेंट या जगह के हिसाब से ड्रम या टैंक से डुबोना है 24 घंटे के लिए।
तो हम,….
10जूरी ×1=1बेड
या 13जूरी ×1= बेड - 01 बेड (10जूरी )×9= 90नग
01 बेड (13जूरी)×9= 117नग - फिर जूरी को 90 नग या 117 नग को ड्रम 200ml वाले या टैंक होगा उसमे भी डाल सकते है।
- उस सभी को रख कर तथा उस पर पत्थर को ऊपर में रखना है, ताकि पैरा पानी डालने पर ऊपर न हो।
- पहले चूना और फार्मूलिन लिक्विड को मिलाकर पानी को सभी साइड डालकर कर फैला दे, फिर उस टैंक या ड्रम में फूल पानी डालकर 24 घंटे के लिए शुद्धिकरण करना होगा ताकि उसकी फंगी साइड निकालकर शुद्ध हो जाय।
- फिर जूरी को 24 घंटे बाद निकालकर बाहर साफ जगह में रखना है ताकि उसमे का पानी निकल सके उसमे बस नमी होना चाहिए ताकि ज्यादा पानी होने पर स्पान को नुकसान न हो उस बेड से जिसमें उत्पादन में प्रभाव न हो।
3] स्पान डालने की पद्धति :
(3.1) चोखर : चोखर में तोड़ा बेसन पाउडर मिलाकर रखे।
(3.2) स्पान डालने की प्रकिया :
🔸इसमें पैरा के लेयर 1 है, जिसमें स्पान को टोटल 9 पॉइंट में रखना है, क्योंकि ये फर्स्ट लेयर में लास्ट स्टेज है, ताकि बीच पॉइंट से भी उत्पादन लिया जा सकते है।
इस नौ पॉइंट में रखना तथा उस पर मिक्स बेसन चोखर से भूरभूरा उसके ऊपर में गिराकर उसको कवर करना है, ताकि उसे कुछ नुकसान न हो तथा उत्पादन में वृद्धि हो।
🔸लेयर 2 में टोटल 8 पॉइंट में रखना है, स्पान को इसमें बीच पॉइंट में नहीं रखना है।
🔸लेयर 3 र्ड में सभी नौ पॉइंट में रखना है, रखने के बाद 10 जूरी को छोड़कर उस पर ढकना है।
🔸लेयर 4 में 13 वे जूरी को छोड़कर ढक देना है, यह चौथा लेयर करने वाले के लिए है जोकि प्राय: सभी लोगे नहीं करते है, ज़्यदातार तीन लेयर में काम को करते है।

4] पन्नी :
उस बेड को फिर ढँकर उसको हल्के से कवर कर बांध देना है, ताकि उस पर अच्छे से भाप चढ़ जाय सभी साइड, स्पान को डालने के बाद 24 घंटे बाद इसको एक घंटे के लिए खुला छोड़ना है।

5] उत्पादन समय :
इस तरह प्रकिया को डेली कर ले और हर दिन की इस डालने की प्रकिया को डेली करने पर हर 9 दिन या 10 वे दिन के बाद उत्पादन होता है, जिसको सीधा हार्वेस्टिंग कर सीधा कोचिया को दे देना।
स्पान को डालने के नौवे और 10वे दिन में ही उत्पादन होता है।
6] स्प्रे पॉट :
अगर बेड में सूखा पन ज्यादा नजर आये तो इससे स्प्रे पॉट से पानी का सिड़काव करना पड़ता है।
नोट :- स्पान को डालने के बाद 24 घंटे बाद इसको एक घंटे के लिए खुला छोड़ना है, ताकि इसको हवा मिल सके यह सिर्फ एक ही बार करना है, तथा इसकी साइड को फार्मूलिन से साफ सफाई करना चाहिए।
आप अपने नजदीक प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण लेकर अच्छे से जानकारी ले ले।
माह | स्पान डालने के दिन /समय | नौ/ दसवे हार्वेस्टिंग सुबह /शाम | फेस्टिवल बोनस इनकम फॉर हाई डिमांड |
जून | 15 जून सुबह से | 24/25 जून सुबह शाम | |
जुलाई | प्रति दिन 16 जून से जुलाई 30 तक | 26 जून से लेकर 9 अगस्त | 2 अक्टूबर दशहरा |
अगस्त | प्रति दिन 1 अगस्त से 30सितम्बर | 10 अगस्त से लेकर 9 अक्टूबर | 20 अक्टूबर दिवाली |
प्राइस मिनिमम | प्राइस मैक्सिमम | मार्केट प्राइस | औसत उत्पादन / दिन |
300 रूपये kg | 800 रूपये kg | 400 to 1000 | 15 to 20 ya 25 to 35 kg |